Mirzapur Season 3 Review

Mirzapur Season 3 Review: घुटने टेकते ही खत्म हुआ मिर्जापुर में पूरब का भौकाल, शेमारू ऐप जैसी बनकर रह गई सीरीज

MOVIE RATING

देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक हिंसायुक्त प्रदेश के तौर पर दिखाने से लेकर अब भयमुक्त प्रदेश के तौर पर प्रस्तुत करने में वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ प्रसारित करने वाले ओटीटी अमेजन प्राइम वीडियो और इसे बनाने वाली कंपनी एक्सेल एंटरटेनमंट ने शीर्षासन कर दिया है। अमेजन प्राइम वीडियो की भारतीय शाखा की प्रमुख रही अपर्णा पुरोहित की छुट्टी हो चुकी है। एक्सेल एंटरटेनमेंट के भीतर भी बताते हैं काफी उथल पुथल इन दिनों चल रही है। [Mirzapur Season 3 Review] नतीजा, वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के सीजन तीन के रूप में सामने हैं। किसने सोचा होगा भला, कि एक ‘भौकाल’ सीरीज का अंत ऐसा होगा। जी हां, ये सीजन देखकर लगता नहीं कि अब इस कहानी को चौथा सीजन नसीब होगा।

महिला किरदारों पर मेहरबान फरहान

वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के तीसरे सीजन की कहानी ने अपने पिछले दो सीजनों के प्रशंसकों को सबसे ज्यादा निराश किया है। [Mirzapur Season 3 Review] फरहान अख्तर मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स का हिस्सा बनने के साथ ही लगता है इसके मुखिया केविन फाइगी की महिला किरदारों के प्रति हाल के बरसों में बनी सहानुभूति से खासे प्रभावित हुए हैं। इस बार वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन भी इसीलिए उन्होंने सीरीज की महिला किरदारों के नाम कर दिया है। मुख्यमंत्री बनीं माधुरी यादव फिर से सफेद साड़ी में भले आ चुकी हों लेकिन उत्तर प्रदेश को भयमुक्त प्रदेश बनाने और हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष करते रहने के नारे के साथ अब उनके नए तेवर हैं। यहां ये बताते चलें कि मुन्ना भैया के अंतिम संस्कार से ही सीरीज का तीसरा सीजन शुरू होता है और उनको मुखाग्नि देने के प्रसंग से सीरीज के तीसरे सीजन की दिशा निर्धारित होती है।

जय, वीरू से लटके और गब्बर से झटके

इस बार गोलू और गुड्डू कुछ जय और वीरू बनते दिख रहे। गब्बर की खैनी वाला तड़का भी सीरीज के लेखकों की टीम यहां ले आई है। बीना के बदन की आग अब भी भड़क रही है। और, इसकी आंच में वह कुछ नए ‘पकवान’ भी सेंकती दिख रही हैं।[Mirzapur Season 3 Review] डिम्पी का रोल रिवर्सल हो रहा है। वह चुप रहकर बड़ा काम करने की फिराक में हैं। शबनम की अपनी अलग दुकान सज चुकी है। पुलिस अफसर को मारने के बाद पांडेजी ने अदालत में सरेंडर कर दिया है। घरवाले उनकी कहानी का क्लाइमेक्स बदलना चाहते हैं लेकिन उनको अपनी कहानी का यही टेंट पोल अच्छा लग रहा है। तंबू तना रहे, इसके लिए वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के तीसरे सीजन को इसके लेखक अपूर्वा धर बडगैंया पूरी कोशिश करके बड़ी लाइन पर बनाए रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन छोटी लाइन वाली इसके मेकर्स की आदत दर्शकों को सीरीज देखने का आनंद लेने नहीं देती।

चूर हो गया कालीन भैया का आभामंडल

वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के धुर प्रशंसक इस सीजन से सबसे ज्यादा निराश होंगे। पंकज त्रिपाठी को पिछले सीजन में गंभीर रूप से घायल होते दिखाया गया था।[Mirzapur Season 3 Review] उनके भविष्य को लेकर चिंतिंत दर्शकों को दिलासा और राहत सीरीज में काफी देर से मिलती है और जब तक मामला खुलता है सीरीज का असल आकर्षण खो चुका होता है। पंकज त्रिपाठी के लिए साल 2024 का ये तीसरा बड़ा झटका है। पहले उनकी फिल्म ‘मैं अटल हूं’ फ्लॉप रही। फिर नेटफ्लिक्स ने उनकी इमेज का फिल्म ‘मर्डर मुबारक’ में कचरा किया और अब ये वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन। कालीन भैया इस कहानी में इस गति को प्राप्त होंगे, पहला सीजन देखते समय किसने सोचा होगा भला? इस सीजन में सीरीज के बाकी कलाकारों का आभा मंडल भी बुझा बुझा सा ही दिखता रहा। अटक अटक कर चलते अली फजल ही पूरी सीरीज में जो कुछ करंट है, वह बना पाते हैं। श्वेता त्रिपाठी ने तीसरे सीजन में अपने अभिनय में कुछ नया पाने की कोशिश ही नहीं की है। रसिका दुग्गल के पास भी अभिनय का कोई नया रस नहीं बचा है दिखाने को।

छोटे बजट की भाषाई फिल्म जैसी सीरीज

तकनीकी तौर पर वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन बहुत ज्यादा कमजोर है। सीरीज देखकर लगता है कि एक्सेल एंटरटेनमेंट ने इसके प्रोडक्शन बजट में भारी कटौती की है और अपना मार्जिन बढ़ाने के लिए पिछले दो सीजन की इसकी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है।[Mirzapur Season 3 Review] गद्दी को खत्म करने वाली लीक पर चले इस सीजन की सिनेमैटोग्राफी से लेकर इसका संपादन और स्टंट कोरियोग्राफी सब किसी छोटे बजट की क्षेत्रीय फिल्म जैसा लगता रहा। संवादों की अस्पष्टता से ये भी पता चलता है कि इसकी साउंड डिजाइनिंग गड़बड़ है। वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का पहला सीजन जब 2018 में आया था तो क्राइम सीरीज का ये उद्गम स्थल बना था। दूसरा सीजन भी 2020 में आ गया था। तब तक सारे ओटीटी क्राइम सीरीज दुहने निकल पड़े थे और अब जब साल 2024 में आकर ओटीटी का बुलबुला फूटता दिख रहा है तो वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन अपना खुद का आकर्षण ही खो चुका है। कुल 10 एपीसोड में फैली इस कहानी को आखिर तक देखने के लिए समय भी खूब चाहिए और हिम्मत व धैर्य भी। इसके बीते दो सीजन देख लहालोट रहे दर्शकों के लिए ये गंभीर निराशा लाती है।

 

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