एंड्रॉइड फोन, आईफ़ोन की तुलना में ज्यादा क्यों इस्तेमाल किये जाते हैं ?

एंड्रॉइड फोन, आईफ़ोन की तुलना में ज्यादा क्यों इस्तेमाल किये जाते हैं, क्या कुछ ऐसा है जो एंड्रॉइड उपलब्ध कराता है पर आईफोन नहीं?
एंड्रॉइड बेहतर है या आईओएस, यह बहस आमूमन होती रहती है। लेकिन इस बहस से परे, यह तथ्य है कि एंड्रॉइड सबसे लोकप्रिय मोबाइल ओएस है।

तो एंड्रॉइड फोन आईफोन के मुकाबले इतने लोकप्रिय क्यों हैं, इस उत्तर में हम ठीक यही जानने वाले हैं।

एंड्रॉइड फोनों की लोकप्रियता अधिक होने के पीछे ये दो बड़े कारण हैं—

विकल्पों की उपलब्धता और
कीमत में लचीलापन

  1. विकल्पों की उपलब्धता

एप्पल सालभर में 3–4 आईफोन लांच करता है, नतीजतन उपभोक्ताओं को चुनने के लिए कम विकल्प मिलते हैं। इसके उलट, एंड्रॉइड स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों की संख्या काफी ज्यादा है, और ये कंपनियां अलग-अलग तरह के यूजरों को ध्यान में रखकर स्मार्टफोन बनाती हैं।

जैसे, अगर किसी को बढ़िया कैमरे वाला फोन चाहिए, तो वह गूगल पिक्सल या सैमसंग के फोन खरीद सकता है और परफॉर्मेंस को तवज्जो देने वाले यूजरों के लिए वनप्लस के फोन उपलब्ध हैं।

अतएव, एंड्रॉइड उपभोक्ताओं को पूरी आजादी मिलती है कि वे अपने पसंद के स्पेक्स वाला स्मार्टफोन खरीद सकें—फिर चाहे वह बजट फोन हो या फ्लैगशिप।

  1. कीमत में लचीलापन

विभिन्न देशों के स्मार्टफोन बाजारों में iOS और एंड्रॉइड की हिस्सेदारी | इंफोग्राफिक स्टैटिस्टा द्वारा

कीमत एक बड़ा कारण है कि एंड्रॉइड फोन आईफोन के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय है। ₹40,000 से नीचे की प्राइस-रेंज में एप्पल एंड्रॉइड स्मार्टफोनों को टक्कर दे पाने में अक्षम है।

एंड्रॉइड फोन जहां ₹8,000 से शुरू होकर लाखों रूपये तक के आते हैं, विकाशील देशों में एप्पल के ज्यादातर फोन लोगों के बजट से बाहर होते हैं। इसलिए बजट और मिड-लेवल केटेगरी में एंड्रॉइड का बोलबाला है।

भारत और चीन, जो दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार हैं, में ₹40,000 से नीचे के फोन ही ज्यादा खरीदे जाते हैं। इसलिए इन दोनों देशों में दुनिया की एक-तिहाई जनसंख्या होने के बावजूद, आईफोन के यूजर बेहद कम हैं।

उपर्युक्त दोनों बड़े कारणों के अलावा, कुछ छोटे पर महत्त्वपूर्ण कारण इस प्रकार हैं—

कस्टमाइजेशन के मामले में एंड्रॉइड iOS से कहीं आगे है। एंड्रॉइड आपको आपकी पसंद के अनुसार होम स्क्रीन, लॉक स्क्रीन आदि को कस्टमाइज करने की आजादी देता है।
एंड्रॉइड के सॉफ्टवेयर फीचर शानदार हैं। इसकी एक जैसे नोटिफिकेशन को ग्रुप करना, स्क्रीन पिनिंग आदि सुविधाएं अंतर पैदा करती हैं।
आजकल लोगों को उम्मीद होती है कि उनके स्मार्टफोन में एक उन्नत वर्चुअल असिस्टेंट हो। इस मामले में गूगल असिस्टेंट एप्पल की वर्चुअल असिस्टेंट सिरि से आगे है।
जिन यूजरों को एंड्रॉइड चलाने की आदत है, वे आईफोन की ओर न जाकर और बढ़िया एंड्रॉइड स्मार्टफोनों की ओर ही रुख करते हैं।
ये कुछ कारण थे कि एंड्रॉइड फोन आईफोन से ज्यादा लोकप्रिय क्यों हैं। हालांकि, एंड्रॉइड के ज्यादा लोकप्रिय होने का मतलब यह नहीं है कि यह iOS से बेहतर है।

दोनों ओएस की अपनी-अपनी खूबियां और सीमाएं हैं। और एंड्रॉइड और iOS में से किसी को भी चुनना यूजर की पसंद पर निर्भर करता है।